13 मई 2011
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में शुक्रवार को सुरक्षा बलों के एक प्रशिक्षण केंद्र पर हुए दो आत्मघाती विस्फोटों में कम के कम 80 लोग मारे गए और 100 से अधिक लोग घायल हुए। तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। उसने कहा है कि हमला आतंकवादी संगठन अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन के मारे जाने का 'बदला' है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक खबर पख्तूनख्वा प्रांत के चारसद्दा कस्बे के शबकदर इलाके में स्थित फ्रंटियर कांस्टेबुलेरी के प्रशिक्षण केंद्र पर आत्मघाती विस्फोट हुए। यहां नवप्रशिक्षित जवान एक वर्ष का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद 10 दिनों की छुट्टी पर घर जाने की तैयारी में थे। छुट्टी से लौटने के बाद इन्हें ड्यूटी पर तैनात होना था।
रिपोर्ट के मुताबिक मोटरसाइकिल सवार पहले आत्मघाती हमलावर ने सुबह करीब 6.10 बजे प्रशिक्षण केंद्र के मुख्य द्वार के समीप विस्फोटकों के साथ अपने को उड़ा लिया।
पुलिस के मुताबिक दूसरा आत्मघाती हमलावर भी मोटरसाइकिल पर सवार था। पहले हमले के करीब आठ मिनट बाद उसने भी विस्फोटकों के साथ अपने को उड़ा लिया। इस हमले के समय सुरक्षाकर्मी शवों और घायलों को घटनास्थल से निकाल रहे थे।
तालिबान ने कहा है कि ये दोनों हमले लादेन की मौत का बदला लेने के लिए किए गए हैं।
ज्ञात हो कि गत दो मई को अमेरिकी कमांडो दस्ते ने पाकिस्तान के एबटाबाद में लादेन को मार गिराया। विस्फोट के कारण 15 से अधिक दुकानें और कई वाहन नष्ट हो गए।
कांस्टेबुलेरी के कमांडेंट अकबर हूती ने कहा, "हम 15 की संख्या में सुरक्षाकर्मियों को छुट्टी पर भेजकर ऐहतियात बरत रहे थे। दूसरे हमले में ज्यादा जानें गईं।"
ज्ञात हो कि संघीय सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाला यह कांस्टेबुलेरी देश के प्रमुख आतंक निरोधी बलों में से एक है।
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी एवं प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने हमलों की कड़ी निंदा की है और कहा कि इस तरह के कृत्य देश के आतंकवाद विरोधी अभियानों को कमजोर नहीं कर सकते।
जरदारी ने कहा कि सरकार और जनता आतंकवाद को हराने के लिए संकल्पित हैं। जबकि गिलानी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि आतंकवादियों की नजर में मानव जीवन अथवा धर्म के प्रति कोई सम्मान नहीं है। उन्होंने कहा कि वे 'अपने घृणित एजेंडे का पालन कर रहे हैं।'
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